एक्टिविटी
भोजन संसार में सभी की मूलभूत आवश्यकता है। परम पूज्य श्री विस्मानबापू ने कहा कि पलियाड में दर्शन के लिए आया व्यक्ति भूखा नहीं लौटा और ठाकर का प्रसाद सभी को उपलब्ध था, इसलिए उसने सदाव्रत की स्थापना की और यह परंपरा आज भी जारी है। विहालधाम, पलियाड में प्रतिदिन लगभग ५००० - ६००० लोग आते हैं। साथ ही अमास के दिन मेला लगता है और इसमें लाखों लोग आते हैं। इस तरह की व्यवस्था को पूरा करने और जाति या पंथ के आधार पर बिना किसी भेदभाव के सभी को एक ही पंगत में समायोजित करने के लिए पलियाड में एक पूरी तरह से सुसज्जित फूड कोर्ट स्थापित किया गया है।
- डायग्नोसिस कैंप और मरीजों का मुफ्त इलाज।
- समाज में कमजोर छात्रों को पुस्तक सहायता।
- अध्ययन में मेधावी बच्चों को आगे की पढ़ाई के लिए वित्तीय सहायता।
- प्रत्येक माह के अंतिम रविवार को नेत्र शल्य चिकित्सा एवं नि:शुल्क उपचार।
- प्रत्येक भक्त के लिए भोजन क्षेत्र।
- आदर्श गौशाला।
- चिकित्सा उपचार।
- एम्बुलेंस सुविधा।
- त्योहारों पर समय-समय पर साधु-संतों का भोग लगाया जाता है।
- मकर संक्रांति के दिन ब्राह्मणों को प्रसाद और भोजन व्यसन मुक्त प्रचार।
- एक अत्याधुनिक डाइनिंग हॉल स्थापित किया गया था जहाँ सैकड़ों लोग एक पंक्ति में बैठकर भोजन कर सकते थे।
- घुड़सवारी।